Sunday, June 22, 2008
एक शख्स जो चूहे को शेर बना देता है
तमाम कयासों को झुठलाते हुए रूस यूरो कप फुटबाल के सेमीफाइनल में पहुंच चुका है। क्वार्टर फाइनल में उसने हालैंड जैसी कद्दावर टीम को मात दी जिसे तमाम फुटबाल विश्लेषक इस खिताब के जीतने का सबसे बड़ा दावेदार मान रहे थे।
बेशक रूसी खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अगर इस टीम की कामयाबी के पीछे की सबसे बड़ी वजह की बात की जाए तो वह है कोच गस हिडिंक। वैसे तो इस टूर्नामेंट में खेल रही सभी टीमों के पास एक से एक कोच हैं लेकिन उनमें से कोई भी गस हिडिंक के मुकाबले का नहीं है।
हालैंड के रहने वाले हिडिंग चाहें तो किसी भी बड़ी टीम के साथ जुड़ सकते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं करते। उन्हें चुनौती पसंद है और वह हमेशा किसी कमजोर मानी जाने वाली टीम से जुड़ते हैं और उसके खिलाडि़यों में ऐसा आत्मविश्वास भरते हैं कि वे दुनिया की नामचीन टीमों को भी धूल चटाने का माद्दा रखने वाले बन जाते हैं।
याद कीजिए 2002 का विश्व कप जब दक्षिण कोरिया की बेहद कमजोर मानी जाने वाली टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। सेमीफाइनल में कोरिया को जर्मनी से हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन इस जीत के लिए जर्मनी को नाकों चने चबाने पड़ थे। उस वक्त कोरियाई टीम के कोच थे गस हिडिंक। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कोरियाई टीम तब तक खेले सभी विश्व कप मैचों में से एक में भी जीत दर्ज नहीं कर सकी थी। सभी विश्लेषक मान रहे थे कि कोरिया लीग राउंड से ही बाहर हो जाएगी लेकिन हिडिंक की सेना से ऐसा कमाल किया कि फुटबाल जगत हतप्रभ हो गया था। हिडिंक के योगदान से कोरियाई इतने प्रभावित हुए कि उन्हें कोरियाई नागरिकता देने की मांग उठने लगी थी।
इसके बाद हिडिंक ने आस्ट्रेलिया का दामन थामा। उस आस्ट्रेलिया का जिसने पिछले 32 साल से विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं किया था। हिडिंक ने न सिर्फ आस्ट्रेलिया को जर्मनी में हुए 2006 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करवाया बल्कि उसे क्वार्टर फाइनल तक भी पहुंचाया। क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया उस विश्व चैंपियन टीम इटली से पराजित हुई। मैच के दरम्यान आस्ट्रेलिया का ही पलड़ा भारी लग रहा था लेकिन एक बेहद विवादास्पद पेनाल्टी की वजह से इटली फाइनल में पहुंचने में सफल रहा जहां उसने एक और विवादास्पद मैच में फ्रांस को हराकर खिताब पर कब्जा किया।
कुछ इसी तरह का कमाल हिडिंक ने रूस की टीम के साथ भी किया है। हालैंड की टीम ने जिस तरह तीन लीग मैचों में 9 गोल किए थे और सिर्फ एक खाए थे उससे तो यही लग रहा था उसे असंभव नहीं तो बेहद मुश्किल जरूर होगा। लेकिन हिडिंक की अगुवाई में रूस ने यह कमाल कर दिया है। सेमीफाइनल में उसका मुकाबला इटली और स्पेन की बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। रूस यूरो कप जीते या न जीते लेकिन उसे सेमीफाइनल में पहुंचा कर हिडिंक ने चूहे को शेर में बदलने की अपनी ताकत का एक बार फिर बेहतरीन नमूना पेश किया है।
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2 comments:
हर बार की तरह नये समीकरण उभर रहे हैं. आगे आगे देखिये होता है क्या.
चक दे में लोग शारुख की तारीफ़ करते हैं... मैं भी करता हू लेकिन उस फ़िल्म का असली नायक परदे के पीछे रहता है वो है जयदीप साहनी.... इसको पढ़ते हुए ध्यान आ गया.. जानकारी देने के लिए धन्यवाद
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