Thursday, June 26, 2008

कहां गई कोलिंगवुड की खेल भावना



बुधवार, 25 जून को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच बेहद रोमांचक एक दिवसीय मैच खेला गया। आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर समाप्त हुए मैच में न्यूजीलैंड ने एक विकेट से जीत दर्ज की लेकिन न्यूजीलैंड की पारी के दौरान 44वें ओवर में एक घटना ऐसी घटी जिसने इंग्लैंड के खिलाडि़यों की खेल भावना पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया।

उस वक्त न्यूजीलैंड को 39 गेंदों पर 36 रनों की दरकार थी और उसके तीन विकेट शेष थे। स्ट्राइक पर थे काइल मिल्स और नॉन स्ट्राइक पर खड़े थे ग्रांट इलियट। मिल्स ने एक रन लेने के लिए इलियट को आवाज लगई। इलियट आगे बढ़े लेकिन उनकी राह में गेंदबाज साइड बाटम आ गए। दोनों के बीच रग्बी स्टाइल में टक्कर हुई और चोट खाए इलियट बीच पिच पर गिर गए। फील्डर इयान बेल ने गेंद थ्रो की और यह जानने के बावजूद कि इलयिट उनके गेंदबाज साइडबाटम से टकराने की वजह से क्रीज पर गिरे हैं केविन पीटरसन ने उन्हें रन आउट कर दिया। अंपायर मार्क बेंसन ने स्थिति की नजाकत को भांपते हुए इंग्लिश कप्तान पॉल कोलिंगवुड को अपील वापस ले लेने की सलाह दी लेकिन जीत दर्ज करने के नशे में चूर कोलिंगवुड ने अंपयार की यह सलाह नहीं मानी। हालांकि मिल्स ने कोलिंगवुड का सपना पूरा नहीं होने दिया और अपनी टीम को एक विकेट से जीत दिला दी।

इस घटना ने यह तो साबित कर ही दिया है अक्सर खेल भावना पर लंबी-लंबी स्पीच देने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ी समय आने पर खुद इससे कन्नी काट जाते हैं। वह अक्सर एशियाई खिलाडि़यों पर इल्जाम लगाते हैं कि वे खेल भावना का ख्याल नहीं रखते। इंग्लैंड वाले अपने खेलने के तरीके और अपने दर्शकों के सभ्य व्यवहार पर हमेशा गर्व करते हैं। लेकिन यहां तो न ही उनके कप्तान ने सभ्यता दिखाई और न ही उनके दर्शकों ने। लाचार हालात में रन आउट होकर इलियट पवेलियन लौट रहे थे और इंग्लिश दर्शक खुशी में झूम रहे थे।

ये वही कोलिंगवुड हैं जिन्होंने पिछले वर्ष हुई भारत-इंग्लैंड सीरीज के दौरान भारतीय खिलाडि़यों पर खेल भावना के साथ न खेलने का आरोप लगाया था। सात वनडे मैचों की उस सीरीज के पांचवें मैच में कोलिंगवुड खुद रन आउट हुए थे। भारतीयों ने अपील की लेकिन अंपयार थर्ड अंपायर से मदद लेने के लिए तैयार नहीं दिख रहे थे। तभी जाइंट स्क्रीन पर रिप्ले उभरी जिसमें साफ था कि कोलिंगवुड रन आउट हैं। तब भारतीयों द्वारा एक बार फिर अपील करने के बाद अंपायर ने कोलिंगवुड को आउट दिया। उस घटना ने कोलिंगवुड खासे नाराज थे। उनका कहना था कि भारतीयों ने अंपायर पर दबाव बनाया और फील्ड अंपायर को रिप्ले देखकर आउट नहीं देना चाहिए था।

2 comments:

कुश said...

खेल भावना अब लुप्त होती जा रही है..

Rajesh Roshan said...

...लुप्त तो होती ही जा रही है साथ ही उत्पन्न हो रही है बदले की भावना. कोलिंगवुड ने भारत को ऐसा कहा था तो ये लोग पोस्ट हम तुम्हरे खिलाफ हो गए... मुझे तब की इस्थिति पता नही है लेकिन अगर भारत ने ऐसा किया था तो तब भारत ग़लत था और अब कोलिंगवुड ग़लत है. मैंने एक पोस्ट लिखी है... आलोचना की स्वतंत्रता. पढ़ कर कमेन्ट कर देना

ब्लोग्वानी

www.blogvani.com