Monday, May 19, 2008

क्रिकेट में रबर, आपने आखिरी बार कब सुना?


कुछ दिनों पहले की बात है, मैं अपने एक बेहद नजदीकी मित्र से क्रिकेट के ऊपर परिचर्चा कर रहा था। इसी दौरान मैंने कहा कि भारत ने तमाम देशों में टेस्ट रबर तो जीत लिए हैं लेकिन आस्ट्रेलिया में उसे यह कामयाबी नहीं मिली है। मेरा मित्र क्रिकेट में रबर शब्द सुनकर चौंक गया। हालांकि मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरे उस मित्र के पास क्रिकेट से जुड़ी जानकारियों का कतई अभाव नहीं है लेकिन उसने इससे पहले क्रिकेट में रबर शब्द नहीं सुना था।

मैंने कुछ और क्रिकेट प्रेमी मित्रों से इस बारे में ताकीद की लेकिन ज्यादातर इस शब्द से अनभिज्ञ थे। इससे पहले कि इस शब्द के बारे में लोगों की अनभिज्ञता की बात करूं पहले यह बताता चलूं कि क्रिकेट में रबर क्या है (हो सकता है आपको इसका अर्थ पता हो लेकिन मैं यहां इसका अर्थ उनलोगों के लिए लिख रहा हूं जो अभी भी इससे नावाकिफ हैं)।

रबर का आशय किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज के नतीजे से है। अगर भारत-इंग्लैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज हुई और इसे भारत ने जीता तो कहा जाएगा कि यह टेस्ट रबर भारत का हुआ। अगली बार जब भारत और इंग्लैंड किसी टेस्ट सीरीज में खेलने उतरेगी तो इंग्लैंड को रबर अपने कब्जे में लेने के लिए सीरीज को जीतना ही होगा। यह इसे भारत ने जीता या यह सीरीज ड्रा रही तो रबर भारत के पास ही रहेगा। यही बात आस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच होने वाली एशेज सीरीज, आस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज के बीच होने वाले फ्रैंक वारेल सीरीज और भारत-आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले बार्डर-गावस्कर सीरीज में भी लागू होती है।

मिशाल के तौर पर अपने पिछले आस्ट्रेलिया दौरे पर भारत ने 1-2 से टेस्ट सीरीज गंवाई थी। अगर यह सीरीज 2-2 से बराबर रहती तो भी बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी आस्ट्रेलिया के पास ही रहती क्योंकि उसने 2004-05 में भारत में हुई सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की थी।

रबर से ही जुड़ा एक और शब्द है जो टेस्ट सीरीज से ताल्लुक रखता है। वह शब्द है डेड रबर। डेड रबर का आशय उस मैच से होता है जिसके नतीजे का टेस्ट सीरीज के नतीजे पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। मसलन आस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत पहले दो टेस्ट जीत लेता है तो तीसरा टेस्ट डेड रबर कहलाएगा। मतलब यह कि इस मैच के नतीजे का टेस्ट सीरीज के नतीजे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला।

अब इस बात की ओर लौटें कि क्यों रबर जैसे शब्द आज के आधुनिक दौर की क्रिकेट में अपना महत्व खोते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा दोष आजकल होने वाली क्रिकेट पत्रकारिता खासकर हिंदी पत्रकारिता को जाता है। अंग्रेजी अखबारों में तो आप यदा-कदा इन शब्दों को पढ़ भी लें लेकिन हिंदी में ये खोजने से भी नहीं मिलेंगे (मुमकिन है कि प्रभास जोशी जी के कॉलम में मिल जाए)। इन शब्दों के विलुप्त होने का दूसरा बड़ा कारण वनडे व ट्वंटी 20 क्रिकेट की बहुतायत है जिस कारण टेस्ट क्रिकेट की खूबियों और उससे जुड़े शब्द लोगों के कानों से नहीं गुजरते।

2 comments:

Rajesh Roshan said...

अच्छी और उपयोगी जानकारी. वैसे लोगो को बताता चलू की वो दोस्त मैं ही हू. इसके साथ एक बात और है कि मुझे क्रिकेट की जानकारी नाम मात्र की है. सतही रेकॉर्ड और कुछ शब्दावली के अलावा क्रिकेट देखने का शौक है. बस

Udan Tashtari said...

अच्छी जानकारी.

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