Sunday, May 18, 2008

एक कुत्ते की बदौलत बचा मैनचेस्टर यूनाईटेड


यह शीर्षक अपने आप में कुछ अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यह सौ फीसदी सच है। आज की तारीख में मैनचेस्टर यूनाईटेड दुनिया का सबसे धनी खेल क्लब (करीब 80 अरब रुपये की कंपनी) है और इसके प्रशंसकों की तादाद करीब 33 करोड़ है जो ब्रिटेन की कुल आबादी का करीब सात गुना है। ऐसे में यह तथ्य तो चौंकाने वाला होगा ही कि इस क्लब को खड़ा करने में एक कुत्ते ने अहम भूमिका निभाई।

वैसे तो इस क्लब की स्थापना 1878 में न्यूटन हीथ एल एंड वाईआर फुलबाल क्लब के नाम पर हुई। 1883 में इसका नाम सिर्फ न्यूटन हीथ फुटबाल क्लब कर दिया गया। लेकिन वर्ष 1902 के आसपास यह क्लब दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया। उस समय इसके ऊपर 2500 पाउंड का कर्ज था। इससे उबरने के लिए क्लब को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था और सभी मान रहे थे कि इस क्लब के अब गिने चुने दिन ही बचे हैं। क्लब के तत्कालीन कप्तान हैरी स्टेफोर्ड ने सेंट बर्नाड नस्ल के अपने प्यारे कुत्ते को नीलाम करने की कोशिश की ताकि क्लब के लिए कुछ पैसे जुटाए जाए। वहां के एक शराब व्यवसायी जॉन हेनरी डेविस ने कुत्ते को खरीदने की इच्छा जताई लेकिन स्टेफोर्ड ने इसके बदले उनसे क्लब में पैसे निवेश करने की शर्त रखी जिसे डेविस ने मान ली।

डेविस को क्लब का चेयरमैन बनाया गया। उन्होंने अपनी पहली बोर्ड मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा कि क्लब को नया रूप देने के लिए इसका नाम बदला जाए। पहले मैनचेस्टर सेंट्रल और मैनचेस्टर सेल्टिक जैसे नामों पर विचार किया गया। तभी इतालवी मूल के एक युवा लूईस रोक्का ने प्रस्ताव रखा कि क्यों न इसका नाम मैनचेस्टर यूनाईटेड रखा जाए। यह प्रस्ताव सभी को भाया और तब से यह क्लब मैनचेस्टर यूनाईटेड हो गया। डेविस ने फिर क्लब की जर्सी का रंग बदला। पहले इसकी जर्स का रंग हरा और सुनहरा था जिसे बदलकर लाल और सफेद कर दिया गया जो आज भी कायम है।
उसके बाद मैनचेस्टर यूनाईटेड ने सफलता की जो इबारत लिखी वह आज सबके सामने है।

उन्होंने इस बार भी इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीता है। अपने इतिहास में यूनाईटेड यह कारनामा 17 बार कर चुका है (लीवरपूल ने 18 बार यह खिताब अपने नाम किया है)। 1968 में मैनचेस्टर यूनाईटेड यूरोपियन कप जीतने वाला इंग्लैंड का पहला क्लब बना। क्लब स्तर की दुनिया की सबसे पुरानी फुटबाल प्रतियोगिता एफ ए कप के विजेता के तौर पर यूनाईटेड ने रिकार्ड 11 बार अपना नाम दर्ज कराया है। 1990 के दशक में यह दुनिया का सबसे धनी फुटबाल क्लब बना और आज की तारीख में वह किसी भी खेल में दुनिया का सबसे धनी क्लब है।

1992 में इंग्लिश प्रीमियर लीग शुरू होने के बाद से यूनाईटेड का प्रदर्शन और भी प्रभावशाली रहा। इसके मैनेजर सर एलेक्स फगुर्सन दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और कामयाब मैनेजर में गिने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में इस क्लब को 10 बार इंग्लिश प्रीमियर लीग का चैंपियन बनाया।

हालांकि इस क्लब को कामयाबी के साथ-साथ एक बेहद दुखद हादसे से भी रूबरू होना पड़ा। 6 फरवरी 1958 को यूरोपियन कप के एक मैच में भाग लेने के लिए खिलाडि़यों को ले जा रहा हवाई जहाज म्यूनिख में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें यूनाईटेड के आठ खिलाडि़यों ज्योफ बेंट, रोजर बायर्ने, एडी कोलमैन, डंकन एडव‌र्ड्स, मार्क जोंस, डेविड पेग, टॉमी टेलर और लियाम बिली व्हेलान को अपनी जान गंवानी पड़ी। इंधन लेने के बाद विमान के टेक ऑफ में परेशानी आने लगी थी। पायलटों ने दो बार टेक ऑफ का असफल प्रयास किया और जब उन्होंने तीसरा प्रयास किया तब यह दर्दनाक दुर्घटना घटी।

इस दुर्घटना ने यूनाईटेड को झकझोरा जरूर लेकिन उसके जज्बे को तोड़ नहीं सका। उसी सत्र में यूनाईटेड की टीम एफ ए कप के फाइनल में पहुंची। बुरे दौर में हौसला न हारने का यही जज्बा शायद वह सबसे बड़ा कारण है जिसने यूनाईटेड को अब तक इतनी अपार कामयाबियां दिलाई है और यही वजह है कि इसके पूरे विश्व में मौजूद 33 करोड़ प्रशंसकों में एक मैं भी हूं।

नोट: आलेख में दिए गए तथ्य विकीपीडिया डॉट ओआरजी और मैनचेस्टर यूनाईटेड की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं।

1 comment:

Rajesh Roshan said...

मैं मैनचेस्टर यूनाईटेड और लीवरपूल का तो नही लेकिन फुटबाल प्रेमी हू. यह 90 मिनट का खेल कभी कभी मुझे क्रिकेट से ज्यादा पसंद आता है

ब्लोग्वानी

www.blogvani.com