Sunday, April 6, 2008

इतना भी बोरिंग नहीं है गोल्फ देखना

मैं जब भी अपना टेलिविजन ऑन करता हूं तो पहले आवाज सुनाई देती है और इसके करीब 10-15 सकेंड के बाद तस्वीर उभरती है। पिछले महीने की बात है जब मैंने इसे ऑन किया तो पहली आवाज जो सुनी वह थी व्हाट ए शॉट। क्रिकेट प्रेमी होने के कारण मेरे कान खड़े हो गए और मन में लगा कि हो न हो यह सचिन तेंदुलकर के किसी बेहतरीन शॉट पर किसी कमेंटेटर की प्रतिक्रिया रही होगी लेकिन जब तस्वीर उभरी तो देखा कि यह टिप्पणी किसी महिला गोल्फर के शॉट के ऊपर की गई थी। खेल पत्रकार होने के बावजूद मेरी गोल्फ में कोई रुची नहीं है लेकिन वह महिला गोल्फर काफी खूबसूरत थी इसलिए कुछ देर उस चैनल पर अटक गया। इसके बाद दूसरी गोल्फर ने शॉट लगाया। उसका यह शॉट मुझे इतना बेहतरीन लगा कि इसके आगे पहले वाली गोल्फर की खूबसूरती भी फींकी लगने लगी।

इस एक शॉट ने मेरे अंदर गोल्फ को जानने की जिज्ञासा को काफी तीव्र कर दिया। बस क्या था मैंने अगले दो घंटों तक महला गोल्फरों के बीच इस जंग को देखा। काफी कुछ समझ में न आ पाने के कारण मैं इसका उतना मजा नहीं ले पाया जितना ले सकता था। अगले दिन जब मैं कार्यालय आया तो इंटनेट पर गोल्फ के बारे में कुछ जानकारी जुटाई। अपने एक-दो कलीग से इस बारे में बातचीत की। थोड़ा गोल्फ ज्ञान बढ़ा। रात में फिर एक स्पोर्ट्स चैनल पर गोल्फ देखा। उसके बाद से जब भी टेलिविजन पर गोल्फ देखने का मौका मिलता है मैं नहीं चूकता हूं और जैसे-जैसे मेरी जानकारी बढ़ती जा रही इसे देखने का मजा भी बढ़ता जा रहा है।

मैं अब तक गोल्फ के बारे में जितना जान पाया आप लोगों के साथ भी शेयर करना चाहता हूं। मुमकिन है कि आप में से बहुत से लोग इस बारे में विस्तार से जानकारी रखते हों लेकिन मेरे वो मित्र जो गोल्फ के मूलभूत तथ्यों से अनभिज्ञ होने के कारण इसका मजा नहीं ले पाते हैं उनके लिए मैं इस खेल से जुड़ी कुछ बातें लिखने का प्रयास कर रहा हूं।

1- किसी भी आउटडोर गेम की तरह गोल्फ का भी अपना मैदान होता है जिसे गोल्फ कोर्स कहते हैं। लेकिन हाकी, फुटबाल या रग्बी की तरह इसके मैदान का आकार-प्रकार हमेशा एक जैसा ही हो यह अनिवार्य नहीं है। आज की तारीख में दुनिया में कुल 32000 गोल्फ कोर्स हैं जिसमें आधे से ज्यादा अमेरिका में हैं।

2- वैसे तो एक मानक गोल्फ कोर्स में 18 होल (जिसमें गोल्फर गेंद डालने का प्रयास करता है) होते हैं लेकिन 9 होल वाले गोल्फ कोर्स भी प्रचलन में। यहां गोल्फर 1 से लेकर 9वां होल खेलने के बाद 9वें से पहले होल तक आता है।

3-हर गोल्फर हर होल में कम से कम शॉट में गेंद डालने की कोशिश करता है। सभी १८ होल मिलाकर जो गोल्फर सबसे कम शॉट लेता है वह विजेता होता है।

4- हर होल के लिए शॉटों की संख्या पहले से निर्धारित होती है। यह अमूमन तीन से लेकर पांच तक होती है। किसी-किसी गोल्फ कोर्स में छह शॉट वाले होल भी होते हैं। किसी होल के शॉटों की संख्या टी (पहले शॉट का स्थान) से होल तक की दूरी के हिसाब से तय किया जाता है। 91-224 मीटर के लिए तीन शॉट, 225-434 मीटर के लिए चार शॉट और 435-630 मीटर के लिए पांच शॉट तय किए जाते हैं। इससे ज्यादा दूरी के लिए छह शॉट तय होते हैं। हालांकि शॉटों की संख्यां टी और होल के बीच मौजूद व्यवधानो (बंकर या पानी वाला इलाका) के आधार पर भी तय किया जाता है।

5-मान लें कि किसी होल के लिए तय शॉटों की संख्या 4 है। अगर कोई गोल्फर 4 प्रयास में यानी चार शॉट में गेंद को होल में डालने में सफल रहता है तो उसके प्रदर्शन को पार (par) कहते हैं। अगर उसने तीन शॉट में गेंद को होल में पहुंचा दिया तो उसका प्रदर्शन वन बिलो पार (one below par) (-1) कहलाएगा। one below par प्रदर्शन को बर्डी भा कहा जाता है। इसी तरह उसने अगर दो शॉट में ही ऐसा कर दिया तो यह प्रदर्शन टू बिलो पार (-2) या ईगल कहलाएगा। इसी तरह इसके ठीक उलट यानी चार शॉट वाले होल के लिए अगर कोई पांच शॉट लेता है तो इसे वन अबव पार (one above par) (+1) कहलाएगा। one above par को बोगी भी कहा जाता है। अगर कोई इसके लिए छह शॉट लेता है तो इसे टू अबव पार या डबल बोगी कहते हैं। जैसा कि मैंने ऊपर लिखा है कि गोल्फर कम से कम शॉट में गेंद को होल में डालने का प्रयास करता है इसलिए बर्डी और ईगल अच्छा प्रदर्शन कहा जाता है वहीं बोगी या डबल बोगी खराब खेल माना जाता है। जो गोल्फर ज्यादा बर्डी या ईगल जमाएगा उसके जीतने की संभावना ज्यादा रहेगी।

6-इसी तरह सभी 18 होल का खेल हो जाने के बाद जिस गोल्फर ने सबसे कम शॉट लिए उसे विजेता माना जाएगा। अक्सर 18 होल के लिए कुल 70 से 72 शॉट निर्धारित होते हैं। मान लें किसी गोल्फ कोसर् में 72 शॉट निर्धारित हैं और कोई गोल्फर 65 शॉट में सभी 18 होल में गेंद डालने में सफल रहता है तो उसका स्कोर 7 अंडर- 65 कहलाएगा।


7-किसी होल में गेंद डालने के लिए गोल्फर जहां से पहला शॉट खेलेगा उसे टी (Tee) कहते हैं। उसके बाद गेंद जहां गिरेगी वहां से वह होल की तरफ दूसरा फिर तीसरा (जतनी जरूरत पड़े) शॉट खेलता है। जिस स्थान पर होल होता है उसे ग्रीन एरिया कहते हैं। ग्रीन एरिया बारीक कटी घांस वाला मैदानी भाग होता है। एक बार ग्रीन एरिया में गेंद पहुंच जाने के बाद गोल्फर हवा में शॉट नहीं खेलता है बलिक मैदानी शॉट (All along the ground) खेलकर उसे होल में डालने का प्रयास करता है। इसी मैदानी शॉट को पुटिंग कहते हैं। मशहूर गोल्फर टाइगर वुड्स अपनी शानदार पुटिंग के विश्व विख्यात हैं।



8-अगर किसी होल के लिए 4 शॉट निर्धारित होता है तो गोल्फर प्रयास करता है कि ज्यादा से ज्यादा दो प्रयास में गेंद को ग्रीन एरिया में पहुंचा दिया जाए ताकि बर्डी या ईगल जमाने की संभावना बढ़ सके। आप सोचेंगे कि इसके लिए गोल्फर दो प्रयास या शॉट लेने की कोशिश क्यों करता है क्यों न एक ही ऐसा शॉट खेलने की कोशिश करे जिससे गेंद टी से ग्रीन एरिया में पहुंच जाए। गोल्फर ऐसा इसलिए नहीं करते हैं ताकि गेंद किसी बंकर या पानी वाले हिस्से में न चली जाए। किसी गोल्फ कोर्स में बंकर या पानी वाला हिस्सा व्यवधआन के लिए जानबूझ कर डाला जाता है ताकि गोल्फर की गुणवत्ता की असल परीक्षा हो सके। बंकर या पानी में वाले हिस्से में गेंद जाने से कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि वहां से गेंद को निकालना नामुमकिन हो जाता है। इससे गोल्फर या तो डिसक्वालीफाई हो सकता है या तो उसे पेनाल्टी शॉट खेलना पड़ सकता है। अब जबिक हर गोल्फर चाहता है कि कम से कम प्रयास में गेंद को होल तक पहुंचाया जाए ऐसे में कौन पेनाल्टी शॉट लेना चाहेगा।


गोल्फ को अच्छी तरह से जानने के लिए ऊपर लिखी सामग्री काफी कम है लेकिन इतनी जानकारी के साथ गोल्फ देखने की शुरुआत की जा सकती है और बाकी बातें धीरे-धीरे अपने आप समझ में आने लगेगी। चलते-चलते मैं आपको गोल्फ के 19वें होल के बारे में बता दूं। वैसे तो हकीकत में कोई 19वां होल नहीं होता है लेकिन गोल्फर इस इस शब्द का इस्तेमाल गोल्फ कोर्स के पास मौजूद बीयर-बार के लिए करते हैं।

1 comment:

Rajesh Roshan said...

यार मुझे तो १9 वा होल ही ठीक लगा. :) वैसे आपने इसे मजेदार तरीके समझा दिया, नही तो मैं समझता था कि यह क्या बोरिंग गेम खेलते रहते हैं!!

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