Sunday, December 28, 2008

आने वाले दिनों में यह नाम बहुत सुनाई देगा, 'जीन पॉल डुमनी'

दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम को वर्षों से एक ऐसे बल्लेबाज़ की तलाश थी जो संकट के समय अच्छी पारी खेल सके. जो उस दबाव को झेल सके जिसके आगे दक्षिण अफ्रीकी टीम और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ घुटने टेक देते हैं. एक ऐसा खिलाड़ी जो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अच्छा खेल दिखा सके और टीम को न सिर्फ़ जीत के करीब ले जाए बल्कि जीत दिला भी दे. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मौजूदा सीरीज के पहले दो मैचों को देखने से लगता है जीन पॉल डुमनी नाम के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने क्रिकेट जगत में चोकर माने जाने वाली अफ्रीकी टीम की तलाश को पूरा कर दिया है.
पर्थ में अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत में डुमनी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपने टीम की दूसरी पारी में न सिर्फ़ अर्धशतक जमाया बल्कि डिविलियर्स के साथ नाबाद शतकीय शाझेदारी भी निभाई. मेलबर्न टेस्ट में भी उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को पहले फोलोऑन के खतरे से बाहर निकाला फिर आखिरी तीन बल्लेबाजों के साथ मिलकर २७५ रन जोर डाले. उन्होंने ख़ुद १६६ रनों के शानदार पारी खेली. अपने दूसरे ही टेस्ट में ऐसा प्रदर्शन कबीले तारीफ है.
वैसे तो दक्षिण अफ्रीका के बहुत से बल्लेबाज अच्छे हैं लेकिन उनमे दबाव के क्षणों में खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ संकट के पलों में टूट जाने प्रवृति होती होती है. इस पैमाने पर डुमनी बिल्कुल जुदा हैं.
डुमनी की बल्लेबाजी शैली भी ऐसी है जो उन्हें सभी टीमों के ख़िलाफ़ और सभी तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद देगी. उनका फुटवर्क बेहतरीन हैं और वो क्रीज का पूरा इस्तेमाल करते हैं. इससे उन्हें स्पिन और तेज दोनों तरह के गेंदबाजों को खेलने में सहूलियत होती है.
डुमनी की सबसे बड़ी खासियत उनका शानदार टेम्परामेंट है. उनको खेलते देख लगता ही नही है कोई बात उन्हें विचलित कर सकती है. वो ऐसे बल्लेबाज लगते हैं जिन्हें अपनी योग्यता पर पूरा विश्वास है और वो कभी भी भ्रम की स्थिति में में नही दिखते.
उम्र भी डुमनी के साथ है. २४ साल के डुमनी लंबे समय तक दक्षिण अफ्रीका की सेवा कर सकते हैं. साथ ही अब जब की पिछली पीढी के ज्यादातर बल्लेबाज सन्यास ले चुके हैं या लेने वाले हैं ऐसे में भारत के गौतम गंभीर की ही तरह आप डुमनी का नाम लंबे समय तक सुनेंगे.

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